एजुकेट गर्ल्स की संस्थापिका सफीना हुसैन को प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मानद डॉक्टरेट की उपाधि

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूजः भारत में लड़कियों की शिक्षा में अनुकरणीय योगदान देने के लिए एजुकेट गर्ल्स की संस्थापिका सफीना हुसैन को लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस (एलएसई) ने 29 मई, 2024 को लंदन में मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया। यह सम्मान गैर-लाभकारी संस्था एजुकेट गर्ल्स के माध्यम से सफीना के रचनात्मक कार्य को मान्यता देता है।

वर्ष 2007 में स्थापित एजुकेट गर्ल्स संस्था, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के दूरदराज गांवों में लड़कियों की शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के लिए समर्पित है। सफीना के नेतृत्व में, संस्था ने स्कूल नामांकन के लिए 18 लाख से अधिक लड़कियों को प्रेरित किया है और भारत के सबसे जरूरतमंद समुदायों में लगभग 20,000 समुदाय-आधारित जेंडर चैंपियंस के प्रयासों के माध्यम से 22 लाख से अधिक छात्रों को उपचारात्मक शिक्षा में सहायता प्रदान की है।

एलएसई की मानद डॉक्टरेट उपाधि छात्रवृत्ति या सार्वजनिक सेवा में महत्वपूर्ण योगदान देने पर केंद्रित है। सफीना एलएसई मानद डॉक्टरेट प्राप्तकर्ताओं के एक प्रतिष्ठित समूह में शामिल हो गई हैं, जिनमें प्रो. मुहम्मद यूनुस (ग्रामीण बैंक के संस्थापक एवं नोबेल शांति पुरस्कार विजेता), प्रो. टिम बर्नर्स-ली (इंटरनेट के आविष्कारक) और प्रो. क्लॉस श्वाब (विश्व आर्थिक मंच के कार्यकारी अध्यक्ष) शामिल हैं। विशेष रूप से, रघुराम राजन और जगदीश भगवती जैसी प्रतिष्ठित भारतीय हस्तियों को भी मानद डॉक्टरेट उपाधि प्राप्त हुई हैं।

एलएसई की पूर्व छात्रा रहीं सफीना ने शिक्षा में लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए संसाधनों और अत्याधुनिक तकनीक के जरिए एजुकेट गर्ल्स को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई है। शिक्षा में दुनिया का पहला डेवलपमेंट इम्पैक्ट बॉन्ड लाकर एजुकेट गर्ल्स एशिया का पहला टीईडी ओडीसियस प्रोजेक्ट बन गया। वर्ष 2023 में, सफीना डब्ल्यूआईएसई पुरस्कार विजेता बनने वाली पहली भारतीय महिला बनीं, जो वैश्विक शिक्षा परिदृश्य में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है।

एलएसई के अध्यक्ष और कुलपति प्रोफेसर लैरी क्रेमर ने बताया, “सफीना हुसैन लड़कियों की शिक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे पर कार्य करने वाली अग्रणी सामाजिक उद्यमी हैं। उन्होंने जिस अभिनव सोशल यूनिकॉर्न का आविष्कार किया है, वह तकनीकी नवाचार और सांस्कृतिक बुद्धिमत्ता के संयोजन के माध्यम से, समाज में सकारात्मक बदलाव ला रहा है। एक प्रतिष्ठित पूर्व छात्रा और हमारे संस्थान के मूल्यों को अपनाने वाली एक मानवतावादी के रूप में, हमें उनकी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है।”

शिक्षा लड़की का मौलिक मानवाधिकार है: सफीना

सफीना ने सम्मान और मान्यता के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा, “शिक्षा लड़की का मौलिक मानवाधिकार है। शिक्षा एक परिवर्तनकारी उपकरण के रूप में कार्य करती है, बाल विवाह, गरीबी, स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करती है, साथ ही 17 सतत विकास लक्ष्यों में से 9 की विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में भी योगदान देती है। सभी चुनौतियों के बावजूद, हमारा दृष्टिकोण आने वाले 10 वर्षों में 1 करोड़ शिक्षार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।”

शिक्षा के माध्यम से युवा लड़कियों को सशक्त बनाने की एलएसई की प्रतिष्ठित स्वीकृति, उनके प्रयास में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस सम्मान के साथ ही एजुकेट गर्ल्स की सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) में लिस्टिंग हुई है, जिससे सामाजिक परिवर्तन पर उनके प्रभाव को मान्यता मिली है।

CLICK TO VIEW WHATSAAP CHANNEL

भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi  के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्‍शन

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0

You may have missed