Haryana Election 2024: हरियाणा में चुनाव प्रभारियों की रिपोर्ट से BJP को झटका, आरएसएस ने नेताओं की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई, लिए गए सख्त फैसले

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Loksabha Election 2024: हरियाणा में सभी 10 लोकसभा सीट पर क्लीन स्वीप की उम्मीद लगाए बैठी भाजपा को चुनाव प्रभारियों की रिपोर्ट से झटका लगा है। इस रिपोर्ट में 2 सीटों पर कड़ी लड़ाई और बाकी 8 सीटों पर भी नाराजगी-विरोध का खुलासा किया गया था। यह रिपोर्ट 3 दिन पहले पंचकूला में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा को सौंपी गई। नड्‌डा के रिपोर्ट लेकर दिल्ली पहुंचने के बाद इस चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की एंट्री हो गई है। पार्टी स्तर पर कमजोर हालत देख आरएसएस के पानीपत स्थित दफ्तर में हरियाणा के भाजपा की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई।

बैठक में कई बड़े नेता रहे शामिल

 

2 घंटे तक चली यह बैठक रविवार रात को हुई। जिसमें चुनिंदा नेताओं को ही बुलाया गया था। जिसमें सीएम नायब सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल, प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब, चुनाव प्रभारी सतीश पूनिया और चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक राज्यसभा सांसद सुभाष बराला मौजूद हुए। इस मीटिंग में करनाल से सांसद संजय भाटिया नहीं आए। करनाल से उनकी टिकट काटकर भाजपा ने मनोहर लाल को दे दी। इस मीटिंग में आरएसस ने भाजपा के नेताओं से जुबानी दावों के बजाय ग्राउंड रिपोर्ट ली, जिसके बाद तय किया गया कि अब सभी 10 सीटों पर संघ के वर्कर सक्रिय होंगे। जहां विरोध हो रहा, वहां आरएसएस अपने स्तर पर मामले को सुलझाएगी। जहां स्थिति कमजोर है, वहां मजबूती के लिए कोशिश करेगी।

नाम देखकर दी गई एंट्री, महामंत्री को बाहर भेजा

 

लोकसभा चुनाव को लेकर आरएसएस के साथ संगठन और सरकार के मंथन में सिर्फ बड़े चेहरों को ही एंट्री दी गई। केंद्र के गेट पर बैठे कर्मचारियों को इसके लिए एक लिस्ट दी गई थी। इस लिस्ट में बैठक में शामिल होने वाले नेताओं के ही नाम थे, अन्य को अंदर जाने की सख्त मनाही थी। हरियाणा प्रदेश की महामंत्री डॉ. अर्चना गुप्ता भी लोकसभा चुनाव प्रभारी सतीश पूनिया के साथ अंदर चली गई लेकिन बाद में उन्हें बाहर भेज दिया गया। संघ की तरफ से इस बैठक में प्रांत संघचालक पवन जिंदल, संघ प्रचारक अरूण मौजूद रहे।

आरएसएस को सक्रिय होने की जरूरत क्यों पड़ी?

 

तीन दिन पहले पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्‌डा की पंचकूला में लोकसभा प्रभारियों और संयोजकों के साथ मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में नड्‌डा को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी, जिसमें लोकसभा चुनाव में सभी 10 सीटों पर जीत का दावा करने वाली भाजपा की आतंरिक रिपोर्ट में हॉट सीट रोहतक और सिरसा में सबसे कड़ी लड़ाई सामने आई थी। इसके साथ ही रिपोर्ट में अन्य 8 लोकसभा क्षेत्रों में भी आसान जीत नहीं बताई गई थी। इन 8 सीटों के 3 से 4 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की कमजोर स्थिति बताई गई थी। मसलन, शहरी क्षेत्र में भाजपा की स्थिति बेहतर है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में विरोध दिख रहा है। जाट बाहुल्य इलाकों में लोकसभा प्रभारियों की रिपोर्ट बेहद खराब बताई गई है।

भाजपा संगठन से ज्यादा सक्रिय सदस्य

 

हरियाणा में संघ की ताकत की बात करें तो भाजपा से ज्यादा सकिय सदस्य आरएसएस में हैं। संघ के कुछ कार्यकर्ताओं का कहना है कि हरियाणा में 4 लाख से अधिक संघ के सकिय सदस्य हैं। इसमें विहिप, एबीवीपी के साथ दूसरे संगठनों के सदस्य भी आते हैं। चूंकि हरियाणा में भाजपा प्रत्याशियों की आतंरिक रिपोर्ट अच्छी नहीं आई है। इसको लेकर अब संघ के कार्यकर्ता शहरों के साथ ही गांव में भी सक्रिय किए जाएंगे। ये ऐसे लोगों को टारगेट करेंगे जो कम्युनिटी विशेष को प्रभावित कर सकते हैं। इसके साथ ही घर-घर कैंपेन भी शुरू करेंगे।

चुनाव प्रभारियों की खराब रिपोर्ट के बाद भाजपा के 3 बड़े फैसले

 

1. डोर-टू-डोर कैंपेन भी इसी का हिस्सा

 

जेपी नड्‌डा के हरियाणा दौरे के बाद भाजपा ने डोर टू डोर कैंपेन भी 11 मई को शुरू किया है। नड्‌डा भी लोकसभा प्रभारियों की रिपोर्ट समझने के बाद अगले 2 हफ्ते तक लोगों से जनसंपर्क बढ़ाने और मतदाताओं से डोर-टू-डोर करने के लिए टोली बनाने के निर्देश दे चुके हैं। नड्डा ने कहा है कि राम मंदिर से लेकर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से किए गए अन्य कार्यों के बारे में जनता को समझाने के साथ ही कांग्रेस सरकार के दौरान हुए घोटालों के बारे में जानकारी दी जाए।

2. हर बूथ हर घर अभियान

भाजपा के हरियाणा में करीब 19 हजार बूथ कार्यकर्ता हैं। कोई भी चुनाव हो, यह बूथ कार्यकर्ता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विधानसभा हल्कों में खराब रिपोर्ट के बाद इन बूथ कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया गया है और इनको लेकर हर बूथ हर घर अभियान शुरू किया गया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि 12 मई को यह अभियान शुरू हुआ है, जो अभी जारी रहेगा।

3. घर बैठे नेताओं पर नजर रख रही पार्टी

हरियाणा के लोकसभा चुनाव में पार्टी की कमजोर स्थिति को देखते हुए कुछ सख्त फैसले भी लेगी। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही राज्य के पार्टी नेता ऐसे नेताओं पर भी नजर रख रहे हैं, जो घर बैठे हुए हैं। जेपी नड्‌डा ने भी नाराज होकर बैठे नेताओं की चुनाव प्रचार से दूरी को गंभीरता से लिया है। उन्होंने संकेत दिए कि यह नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने का चुनाव है, इसलिए ऐसे नेताओं पर नजर रखें। उम्मीदवार हारे या जीते, लोकसभा चुनाव के बाद उन पर कार्रवाई होगी।

 

Tag- Haryana Loksabha Election 2024, Haryana BJP, RSS emergency meeting, Manohar Lal, Nayab Singh Saini, Panipat Meeting

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