हरियाणा सरकार ने भर्ती नियमों में किया बड़ा बदलाव: सामाजिक-आर्थिक अंक किए गए समाप्त

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। फाइल

नरेन्‍द्र सहारण, चंडीगढ़: Haryana Cabinet: हरियाणा सरकार ने हाल ही में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी पदों की भर्तियों में कुछ अहम बदलाव किए हैं, जिनमें से एक प्रमुख परिवर्तन है सामाजिक-आर्थिक आधार पर मिल रहे अतिरिक्त पांच अंकों का समाप्त होना। यह निर्णय तब लिया गया जब हाई कोर्ट ने इस प्रावधान पर रोक लगा दी। अब प्रदेश सरकार ने इस नीति में संशोधन करते हुए नई नियमावली को मंजूरी दे दी है, जिससे अब इन पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) के तहत चार गुना के बजाय 10 गुना अभ्यर्थियों को अगले चरण में बुलाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने दी जानकारी

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विपक्षी दलों की ‘भर्ती रोको गैंग’ ने नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर अतिरिक्त अंक दिए जाने का विरोध किया है, जिससे गरीब परिवारों के युवाओं को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह नीति प्रदेश सरकार द्वारा पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लाई गई है और इससे योग्य उम्मीदवारों को बेहतर अवसर मिलेंगे।

सीईटी का इम्पैक्ट

नए नियमों के अनुसार, सीईटी पास करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या को 10 गुना कर देने से प्रतियोगिता का स्तर और बढ़ जाएगा। इस प्रकार अधिक युवाओं को अगले चरण के पार जाने का मौका मिलेगा, जो उन्हें भविष्य में बेहतर अवसर प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने इसे सकारात्मक कदम बताया और कहा कि इससे भर्ती प्रक्रिया को और भी अधिक सम्मान मिलेगा।

अधिकांश युवा जॉब मार्केट में प्रतिस्पर्धा को लेकर चिंतित हैं, खासकर ऐसे समय में जब रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं। नए नियमों से यह उम्मीद जताई जा रही है कि अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों में प्रवेश मिलता रहेगा।

कच्चे कर्मचारियों के लिए राहत

इसके अतिरिक्त, हरियाणा सरकार ने कच्चे कर्मचारियों की सेवाओं को सेवानिवृत्ति age तक सुनिश्चित करने के लिए कैलेंडर वर्ष में 240 दिन काम करने की शर्त को भी हटा दिया है। इससे लंबे समय से नौकरी कर रहे कच्चे कर्मचारियों को राहत मिलेगी और उन्हें भविष्य को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह घोषणा उन युवाओं के लिए सकारात्मक है, जो स्थायी नौकरी की तलाश में हैं।

यात्रा भत्ते में नया प्रावधान

हरियाणा सरकार ने सिविल सेवा (यात्रा भत्ता) नियम-2016 में भी संशोधन किया है। नियम के अनुसार, यदि किसी प्रशिक्षण संस्थान या हरियाणा सरकार ने आवास और भोजन की व्यवस्था की है, लेकिन प्रशिक्षु इसका लाभ नहीं उठाते हैं, तो उन्हें होटल शुल्क नहीं मिलेगा। हालांकि, यदि ऐसी व्यवस्था नहीं की जाती है, तो प्रशिक्षु के अनुसार होटल शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

न्यायिक क्षेत्र में सुधार

हरियाणा की न्यायिक सेवा में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा नियम-2007 और पंजाब सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) नियम-1951 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। इसका उद्देश्य मृतक सदस्यों के आश्रितों को अनुकंपा वित्तीय सहायता या नियुक्ति प्रदान करना है। यह कदम न्यायिक क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों की रक्षा और उनके परिवारों के हित में एक अच्छा प्रयास माना जाएगा।

विरोध और भविष्य की योजनाएं

मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कहा कि उनकी मंशा केवल गरीब एवं वंचित परिवारों के युवाओं को नौकरी पाने में कठिनाई पैदा करना है। उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे हरियाणा के होनहार युवाओं के भविष्य को बाधित करने के लिए काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री का कहना है कि सरकार युवाओं के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है और विश्वास दिलाया कि भर्ती प्रक्रिया को और भी अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा। इसके साथ ही, सीईटी को नई दिशा देने के लिए कई नई पहल की जा रही हैं, ताकि योग्यतम युवाओं को सरकारी सेवाओं में लाने का काम हो सके।

युवाओं को अवसर

हरियाणा सरकार द्वारा किए गए ये परिवर्तन निश्चित रूप से नौकरी पेशे में एक नया आयाम लाएंगे। यह कदम युवाओं को अवसर प्रदान करने के साथ-साथ सरकारी भर्ती प्रक्रिया में बेहतर प्रतिस्पर्धा स्थापित करेगा। सरकार की योजना है कि ये परिवर्तन ना केवल मौजूदा भर्तियों में लाभकारी हों, बल्कि भविष्य में भी रोजगार के अवसरों को व्यापक बनाएंगे। इससे साबित होता है कि प्रदेश सरकार युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए ठोस कदम उठा रही है, जो कि हरियाणा के समग्र विकास में योगदान देने वाला होगा।

 

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