Haryana Loksabha Election: हरियाणा में 10 लोकसभा सीटों पर 65 प्रतिशत मतदान, पिछली बार से 5 फीसदी कम हुआ मतदान, क्या हैं मायनें

कैथल में मतदान के लिए लगी कतार।

नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Loksabha Election: हरियाणा में लोकतंत्र के महापर्व में मतदाताओं ने खूब उत्साह दिखाया। नौतपा के पहले दिन शनिवार को राज्य की 10 लोकसभा सीटों पर अपनी पसंद के सांसद चुनने के लिए दो करोड़ से अधिक मतदाताओं में से 65 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर लोकतंत्र के महायज्ञ में वोट की आहुति डाली।

हालांकि यह मतदान प्रतिशत पिछले लोकसभा चुनाव में हुए 70.34 प्रतिशत मतदान से कम है, लेकिन मौजूदा संसदीय चुनाव के राष्टीय औसत के मुकाबले ज्यादा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मतदान प्रतिशत कम रहने से उम्मीदवारों की जीत-हार का अंतर भी कम रहेगा। नौतपा से आशय भीषण गर्मी के नौ दिनों से होता है, जिनमें सीजन की सबसे अधिक तपन होती है। इसके बावजूद लोग अपने घरों से निकले और मतदान किया।

हालांकि, राज्य चुनाव आयोग ने करीब 75 प्रतिशत तक मतदान का प्रतिशत बढ़ाकर ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। राज्य में विभिन्न स्थानों पर छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में करनाल से संजय भाटिया और फरीदाबाद से कृष्णपाल गुर्जर करीब छह लाख मतों के अंतर से चुनाव जीते थे। उनकी जीत ने रिकार्ड बनाया था। इस बार मतदान प्रतिशत कम होने के कारण किसी उम्मीदवार की ऐसी बड़ी जीत की संभावना कम है।

किस्मत का फैसला चार जून को

हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों के लिए शनिवार सुबह सात बजे मतदान प्रक्रिया आरंभ हो गई थी, जो शाम छह बजे तक चली। मतदान केंद्रों की लाइन में छह बजे तक जितने मतदाता लग चुके थे, उन सभी का मतदान कराया गया। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर व राव इंद्रजीत सिंह, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा और जयप्रकाश जेपी, पूर्व मंत्री रणजीत सिंह चौटाला और फिल्म अभिनेता राज बब्बर समेत 223 उम्मीदवार चुनावी रण में मुकाबले में थे।

मतदान प्रक्रिया पूरी होते ही अब इनकी किस्मत का फैसला चार जून को तब होगा, जब मतगणना की जाएगी। लोकसभा का यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम, काम और विकास की गारंटी तथा कांग्रेस की पांच न्याय गारंटी के मुद्दों पर लड़ा गया। हरियाणा में भाजपा का चेहरा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी थे, जबकि कांग्रेस का प्रमुख चेहरा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रहे। हुड्डा स्वयं चुनाव नहीं लड़े, मगर उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने रोहतक से चुनाव लड़ा।

इनेलो का फोकस कुरुक्षेत्र और हिसार में

मनोहर लाल ने स्वयं करनाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और पूरे प्रदेश में भाजपा उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार किया। भाजपा के साथ साढ़े चार साल तक सत्ता में रही दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी ने यह चुनाव गंभीरता से नहीं लड़ा। दुष्यंत चौटाला की विधायक मां नैना चौटाला ने हिसार से चुनाव लड़ा, जबकि इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से यह चुनाव लड़ा। इनेलो का फोकस कुरुक्षेत्र और हिसार में अभय चौटाला की भाभी सुनैना चौटाला के चुनाव तक सीमित रहा। करनाल विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ, जहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चुनाव लड़ा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकार अनुराग अग्रवाल ने दावा किया कि सभी जगह पर मतदान शांतिपूर्ण रहा है।

 

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