कैथल के एएसआई सुखदेव सिंह निलंबित, अनिल विज ने जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में दिए थे आदेश

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल : हरियाणा सरकार ने कैथल के एक एएसआई को उनके कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है। यह निर्णय हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज के निर्देशों पर लिया गया है। हाल ही में कैथल में आयोजित जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक के दौरान, मंत्री ने एएसआई सुखदेव सिंह के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता को स्पष्ट किया, जिसके बाद विभाग ने इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी कर दिए।

जांच के दौरान की गई लापरवाही

 

इस निलंबन का मुख्य कारण एएसआई सुखदेव सिंह द्वारा पुलिस चौकी किठाना में तैनात रहते हुए एक केस की जांच के दौरान की गई लापरवाही है। रिपोर्ट से यह पता चला है कि सुखदेव ने अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने में गंभीर कमी दिखाई, जिससे मामला सामने आया है। एसएचओ राजौंद द्वारा 10 जनवरी को डीएसपी कलायत के माध्यम से प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में इस मुद्दे पर प्रकाश डाला गया था।

केस की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर सवाल

 

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि एएसआई सुखदेव ने जांच अधिकारी के रूप में आवश्यक कार्रवाई करने में असफलता दिखाई, जिसके परिणामस्वरूप केस की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर सवाल उठ गया। इस लापरवाही को ध्यान में रखते हुए, हरियाणा सरकार ने उन्हें निलंबित करने का निर्णय लिया है।

निलंबन के दौरान सुखदेव सिंह को एचसीएसआर-2016 के नियमों के तहत आधे वेतन का भुगतान किया जाएगा। निलंबन अवधि के दौरान उन्हें मिलने वाले अवकाश के वेतन के बराबर राशि का निर्वाह भत्ता भी दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, उनके खिलाफ एक नियमित विभागीय जांच का आदेश भी दिया गया है। यह जांच विभाग के डीएसपी (क्राइम) द्वारा की जाएगी, जो प्रतिदिन की कार्यवाही करेंगे और शीघ्रता से जांच के निष्कर्ष प्रस्तुत करेंगे।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त नहीं किया जाएगा और यदि कोई भी सरकारी अधिकारी अपने कार्य में लापरवाह पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इससे स्पष्ट है कि जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों की कार्यशैली पर कड़ी निगरानी रख रही है।

अनिल विज ने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसी भी स्थिति में अपना ध्यान नहीं हटाएगी। उनके अनुसार, सरकारी अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि उनके कार्यों का नागरिकों पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। इसलिए, उन्हें अपने कार्य को गंभीरता से लेना चाहिए और इसे पूरी निष्ठा के साथ करना चाहिए।

डिपार्टमेंट के लिए एक सबक

 

हालांकि, यह घटना केवल एक व्यक्ति की लापरवाही का मामला है, लेकिन यह पूरे डिपार्टमेंट के लिए एक सबक भी है। हरियाणा पुलिस के सभी अधिकारियों को यह याद रखना होगा कि समाज में उनकी भूमिका केवल कानून और व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें नागरिकों के प्रति उत्तरदायी भी होना चाहिए।

इस निलंबन की कार्रवाई से यह भी संदेश जाता है कि सरकार अनाधिकारिक और असंवेदनशील कार्यों को बर्दाश्त नहीं करेगी। इससे अन्य कर्मचारियों में चेतना का संचार होगा और वे अपने कर्तव्यों का पालन करने में अधिक सतर्क रहेंगे। मंत्रियों और विभागों के बीच बातचीत और उनके निर्देशों का सम्मान करना सभी अधिकारियों के लिए अनिवार्य है।

सुखदेव सिंह के निलंबन से न्याय व्यवस्था में सुधार की दिशा में कदम रखने का यह प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है। अब देखना यह होगा कि विभागीय जांच के परिणाम क्या आते हैं और क्या अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी या नहीं।

कार्यों के प्रति सजग रहने की प्रेरणा

 

इस दौरान नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे पुलिस प्रशासन और अन्य सरकारी सेवाओं पर विश्वास रखें और साथ ही सरकारी कर्मचारियों को अपने कार्यों के प्रति सजग रहने की प्रेरणा दें। हरियाणा की सरकार की इस पहल से यह प्रतीत होता है कि राज्य में प्रशासनिक सुधार और पारदर्शिता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जो सभी संबंधित पक्षों के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएंगे।

इस पूरी स्थिति ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि सही और जिम्मेदार प्रशासन का खाका खींचने में नागरिकों और सरकारी कर्मचारियों के बीच सामंजस्य और जिम्मेदारी का होना अत्यंत आवश्यक है।

 

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