Kisan Andolan: आज किसानों ने किया पंजाब बंद का ऐलान, जानें कब से कब तक नहीं चलेंगी ट्रेंने और बसें

नरेन्‍द्र सहारण, खनौरी (संगरूर): Kisan Andolan: पंजाब के खनौरी सीमा पर 34 दिन से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में किसानों ने 30 दिसंबर, सोमवार को “पंजाब बंद” की घोषणा की है। इस बंद के तहत 108 ट्रेनें कैंसिल कर दी गई हैं, बस सेवाएं ठप रहेंगी, और दूध व सब्जियों की आपूर्ति भी बाधित होगी। सभी बाजार, गैस एजेंसियां, पेट्रोल पंप, और प्राइवेट यातायात सेवाएं भी बंद रहेंगी। भारतीय सिख धर्म के सर्वोच्च निकाय, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने भी इस बंद का समर्थन किया है।

पंधेर की अपील

सरवन सिंह पंधेर ने एक वीडियो संदेश जारी कर अपने समर्थकों से अधिकतम संख्या में खनौरी बार्डर पर पहुंचने की अपील की है। उन्होंने सरकार की ओर से भारी पुलिस फोर्स की तैनाती के संकेत दिए और कहा कि किसानों को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा। उनका स्पष्ट मानना है कि किसी भी स्थिति में केंद्र सरकार को किसानों की जायज मांगों को अनदेखा नहीं करना चाहिए।

आंदोलन को दबाने की कोशिशें

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता सरवन सिंह पंधेर ने इस बंद की जानकारी देते हुए कहा कि सोमवार सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक राज्य में बसें और ट्रेनें नहीं चलेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि खनौरी बार्डर पर पुलिस फोर्स की तैनाती के लिए पटियाला में बसें एकत्रित की जा रही हैं। पंधेर ने कहा, “भगवंत मान सरकार लाशों के ऊपर से निकलकर डल्लेवाल को गिरफ्तार नहीं कर सकती।” उन्होंने पटियाला जिले के युवाओं से अपील की कि वे तुरंत मोटरसाइकिल लेकर खनौरी बार्डर पर पहुंचें और इस आंदोलन को समर्थन दें।

सुप्रीम कोर्ट को चेतावनी

खनौरी में उपस्थित किसान नेताओं ने केंद्र सरकार पर आंदोलन को दबाने का आरोप लगाया है और सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर कोर्ट केंद्र सरकार के खिलाफ कोई आदेश पारित करता है, तो इसके परिणामस्वरूप जानमाल का क्षति के लिए केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट दोनों जिम्मेदार होंगे। ये नेता स्पष्ट कर रहे हैं कि वे किसी भी कीमत पर अपने अधिकारों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

ट्रेनों के रद्द होने की सूचना

फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम संजय साहू ने बताया कि किसानों ने रेलवे को बंद के संबंध में सूचित किया है और इसलिए वंदे भारत, शताब्दी एक्सप्रेस सहित 108 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने भी इस मुद्दे पर सरकार को चेतावनी दी है कि उन्हें अपनी हठधर्मिता छोड़कर किसानों की जायज मांगों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में किसानों के साथ खड़ा होना आवश्यक है।

स्वास्थ्य चिंता

इस बीच रिटायर्ड एडीजीपी जसकरण सिंह ने पटियाला रेंज के डीआईजी मनदीप सिंह सिद्धू के साथ डल्लेवाल से मुलाकात की। उन्होंने डल्लेवाल से अनुरोध किया कि वे अपने अनशन को जारी रखते हुए चिकित्सा सुविधाएं भी लें। डल्लेवाल ने इस अनुरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि आप सच में किसानों के लिए कुछ करना चाहते थे, तो आपको केंद्र सरकार से उनकी मांगों को स्वीकार करने की मांग करनी चाहिए। चिकित्सा बुलेटिन में डॉक्टरों ने बताया कि डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर काफी कम है, जिससे उन्हें बात करने में कठिनाई हो रही है।

किसान और सरकार के बीच संवाद की आवश्यकता

जगजीत सिंह डल्लेवाल का यह आमरण अनशन न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष का प्रतीक है, बल्कि यह प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ा आंदोलन बन चुका है। ऐसे मौके पर यह आवश्यक हो जाता है कि सरकार और किसानों के बीच संवाद स्थापित किया जाए। किसान अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हैं और उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे अपनी जायज मांगों के लिए किसी भी प्रकार के द्वंद्व का सामना करने के लिए तैयार हैं।

किसानों की आवाज को सुनें

इसके अतिरिक्त, सरकार को भी चाहिए कि वे किसानों की आवाज को सुनें और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाएं। जब तक सरकार किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं देती, तब तक ऐसे आंदोलनों का जारी रहना तय है। इस प्रकार, जैसै-जैसे स्थिति गंभीर होती जा रही है, यह देखते हुए सभी पक्षों को एक साझा तालमेल बनाना होगा, ताकि शांति और सहिष्णुता के साथ समस्याओं का समाधान हो सके।

 

 

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