Madhya Pradesh MP: मोदी व शाह के मास्टर स्ट्रोक से यूपी और बिहार में यादव वोटबैंक में लगेगी सेंध, अखिलेश और तेजस्वी की बढ़ी चिंता

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज। Madhya Pradesh MP: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव (Mohan Yadav) को चुनकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के मास्टर स्ट्रोक ने सभी को चौंका दिया है। सभी लोगों को मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी का जवाब नहीं क्योंकि इसकी भनक किसी को नहीं लगी। मीडिया अलग-अलग नामों पर चर्चा करता रहा लेकिन विधायक दल की बैठक में मोहन यादव का नाम सामने आने पर ज्यादातर मीडियाकर्मी चौंक गए क्योंकि इस नाम की भनक किसी को नहीं थी। ऐसे में अब राजस्थान में भी लोगों को चौंकाने वाले नाम के आने की संभावना है।

उत्तर प्रदेश और बिहार में दिखेगा फैसले का असर

पीएम मोदी और अमित शाह के चौंकाने वाली रणनीति से उत्तर भारत के कई विपक्षी नेता सकते में हैं। उत्तर भारत के कई प्रदेशों में यादव बिरादरी का अच्छा-खासा वोटबैंक हैं। उत्तर प्रदेश में यादव जाति का 8 प्रतिशत और बिहार में 13 प्रतिशत वोट प्रतिशत है। इन पर अखिलेश यादव और लालू प्रसाद यादव जैसे नेताओं का प्रभुत्व माना जाता है। अब तक माना जाता है कि उत्तर भारत में भाजपा पिछड़ा वर्ग मे गैर यादवों की राजनीति करती है। पीएम मोदी और अमित शाह के मोहन यादव को मुख्यमंत्री चुने जाने को लेकर यादव वोटबैंक पर भी दावेदारी ठोक दी है। लोकसभा चुनावों में भी इसका असर दिख सकता है। मोहन यादव का नाम सामने आने पर अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पूर्व में दिए गए भाषणों की ओर लोगों का ध्यान गया।

बिहार में अमित शाह ने दे दिया था संकेत

रविवार को अमित शाह बिहार के दौरे पर थे। इस दौरान लोकसभा के चुनाव के मद्देनजर भाजपा के कार्यकर्ताओं की बैठक में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी जाति-जमात का विरोध किए बिना भाजपा को पूर्व निर्धारित चुनावी रणनीति पर आगे बढ़ना है। बात मात्र जनहित की होगी और उसका सुफल तीन राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान) के चुनाव परिणाम की तरह बिहार में भी मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि ‘जनता में विरोधियों की विश्वसनीयता कम हुई है इसलिए भाजपा को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। इसके बावजूद यादव मतदाताओं से पूरी तरह से निराश नहीं होना है।
मुसलमानों का वोट भले ही भाजपा को न मिले, लेकिन यादव बिरादरी के कुछ वोट की आशा रखनी ही होगी।’ यही वह सूत्र है, जिसके जरिये उन्होंने मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री का संकेत दे दिया था।

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