मोबाइल और पोर्न की लत से आ रही पति-पत्नी के संबंधो में दरार, जानें कैसे बिगाड़ रहे रिश्ते

नई दिल्ली : समाज में प्रगति के साथ, जहां तकनीकी विकास ने हमें असीमित साधनों से जोड़ा है, वहीं यह हमारे रिश्तों में भी जटिलताएं उत्पन्न कर रहा है। मोबाइल फोन, जो किसी समय संचार का एक सहज साधन था, अब कई परिवारों में विवादों का मुख्य कारण बनता जा रहा है। महिला थाने में आने वाले दंपतियों के 60 प्रतिशत विवादों में मोबाइल के पीछे की कहानी होती है। अवैध वीडियो पोर्न देखने की लत और इंटरनेट पर आपसी रिश्तों की घुसपैठ ने कई दांपत्य जीवन को संकट में डाल दिया है।
तकनीक और रिश्तों का बदलता स्वरूप
आजकल हर हाथ में स्मार्टफोन है और इसके माध्यम से लोग न केवल जनसंचार में जुड़े हुए हैं, बल्कि वे अश्लील सामग्री की भी आसान पहुंच में हैं। यह इंटरनेट का खुलापन लोगों को इस ओर खींच रहा है। यही कारण है कि जब किसी एक साथी ने इस गतिविधि में भाग लेने से मना किया तो दूसरे साथी पर मानसिक तनाव और झगड़े का दबाव बढ़ता है। इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए महिला थाने में दर्ज किए जा रहे ऐसे मामलों की गिनती लगातार बढ़ रही है।
जुड़े हुए रिश्तों में बढ़ती दूरी
हाल ही में, महिला थाने में दो दिलचस्प मामले सामने आए हैं, जिनमें मोबाइल और पोर्न देखने की लत ने दांपत्य जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। पहले मामले में, एक युवक-युवती की शादी चार साल पहले हुई थी। पहले साल से ही उनमें अनबन की शुरूआत हुई। युवती ने जब पुलिस के सामने अपनी पीड़ा बताई तो यह सामने आया कि उसका पति नशे का आदी था और उसे मोबाइल पर पोर्न फिल्में देखने के लिए मजबूर करता था। इस मानसिक और शारीरिक दमन ने उनके रिश्ते में दरार डाल दी जिसके कारण अंततः घरेलू हिंसा का मामला दर्ज हुआ।
दूसरे मामले में एक विवाहित युवती ने जब अपने पति के फोन में दूसरी युवती के साथ चैटिंग और फोटो देखी तो उसने उस पर आपत्ति जताई। इस पर पति ने न केवल उसे मारपीट करके घायल किया, बल्कि ससुराल वालों की मदद लेने पर भी उसे अपमानित किया। इस तरह के मामलों में घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना के आरोप आम हो चुके हैं।
सामान्य मुद्दे जो उभरकर सामने आए हैं
कई पत्नियां घंटों मोबाइल पर अपने मायके वालों से बात करती हैं और घर के कामकाज की जिम्मेदारियों से बचने लगती हैं।
पति काम से लौटने के बाद भी मोबाइल पर समय बिताते हैं, जिससे परिवार के प्रति उनकी जिम्मेदारियों में कमी आती है।
दोनों पक्ष एक-दूसरे पर अवैध संबंधों का शक करते हैं और मानसिक तनाव में जीते हैं।
ससुराल वालों के साथ विवादों की वजह से पत्नी ज्यादा तर पति के साथ अकेले रहना चाहती है।
मनोविज्ञान का दृष्टिकोण और समाधान
मनोवैज्ञानिक अनिल मलिक का कहना है कि हर रिश्ते में भावनात्मक जुड़ाव होना बहुत आवश्यक है। यदि लोग तकनीक के प्रति इतने आसक्त हो जाएं कि वे एक-दूसरे के प्रति समय और ध्यान नहीं दे पा रहे हों, तो रिश्तों में दरार आना स्वाभाविक है। उन्होंने बताया कि जो लोग लगातार पोर्न जैसे कंटेंट को देखते हैं, वे अपने साथी से वही अपेक्षा करने लगते हैं। यह शैली न केवल उनके व्यक्तित्व को प्रभावित करती है, बल्कि उनके बीच संवादहीनता को भी जन्म देती है।
संवाद का महत्व
दरअसल, किसी भी रिश्ते में संवाद और आपसी समझ महत्वपूर्ण होती है। संवादहीनता के कारण दंपती छोटे-छोटे मुद्दों को भी झगड़े का कारण बना लेते हैं। यदि वे अपनी इच्छाओं और अपेक्षाओं को एक-दूसरे के सामने रख सकें, तो कई विवादों से बचा जा सकता है। प्रारंभ में यदि वे इन मुद्दों को गंभीरता से न लेकर उनके पारिवारिक जीवन को खतरे में डालते हैं, तो यह न केवल उनके रिश्ते को बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि हम तकनीक का उपयोग ठीक से करें और अपने रिश्तों को संजीवनी देने के लिए संवाद और समझ को प्राथमिकता दें। सामाजिक नेटवर्किंग और तकनीकी सुविधाओं का लाभ उठाएं, लेकिन उन्हें अपने परिवारिक जीवन में खटास न लाने दें।
रिश्तों की अहमियत को नहीं भूलें
मोबाइल और इंटरनेट की सुख-सुविधाओं का उपयोग करते समय हमें अपने रिश्तों की अहमियत को नहीं भूलना चाहिए। इन समस्याओं का समाधान केवल तकनीकी सुधार में नहीं है, बल्कि बातचीत और पारिवारिक संवाद में है। यदि दंपती इस दिशा में गंभीर और संवेदनशील रहें, तो वे अपने रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं और तकनीक को अपनी खुशियों का साथी बना सकते हैं।
भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्शन