कैथल में तीन बच्चों को घर छोड़कर मां लापता, पति वापस आया तो पत्नी गायब मिली

नरेन्‍द्र सहारण, कैथल: Kaithal News: राजौंद थाना क्षेत्र के एक गांव से एक विवाहिता की गुमशुदगी की घटना ने क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। महिला, जो 32 साल की है और तीन बच्चों की मां है, अपने पति के साथ पिछले 13 वर्षों से रह रही थी। पति की सब्जी बेचने की दिनचर्या के समय पत्नी का अचानक गायब होना कई सवाल खड़े कर रहा है।

युवक ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कहा है कि उसकी शादी 22 नवंबर 2010 को झज्जर के एक गांव में रहने वाली युवती से हुई थी। इनके तीन बच्चे हैं, दो बेटियां और एक बेटा। पति ने अपनी दिनचर्या के अनुसार 9 फरवरी को सुबह सब्जी बेचने के लिए घर से निकले और सामान्य दिनों की तरह ही काम किया। सब्जी बेचने के बाद जब उन्होंने दोपहर ढाई बजे घर का सफर तय किया, तो उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि उनकी पत्नी घर पर नहीं थी।

पत्नी की तलाश

 

इन्होंने अपनी पत्नी की तलाश शुरू की, लेकिन चारों ओर खोजने के बावजूद कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद, उन्होंने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस मामला दर्ज कर उसकी खोज में जुट गई है। राजौंद थाना प्रभारी, राजकुमार ने बताया कि यह मामला गंभीर है और जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस की एक विशेष टीम विवाहिता की खोज में लगी हुई है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही उन्हें ढूंढ लिया जाएगा।

पति की चिंता बढ़ी

 

इसी बीच पति की चिंता बढ़ती जा रही है। उन्हें अंदेशा है कि उनकी पत्नी का कहीं गंभीर मुद्दा हो सकता है, जिसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। वह बार-बार अपनी पत्नी की तस्वीर को याद कर रहे हैं और संवाददाताओं से कहते हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा।

पड़ोसियों का कहना है कि विवाहिता हमेशा अपने बच्चों और परिवार के प्रति समर्पित थीं। उनका अचानक गुम हो जाना किसी रहस्य से कम नहीं है। इलाके के लोग इस बात पर भी चर्चा कर रहे हैं कि क्यों और कैसे एक मां अपने बच्चों को छोड़कर जा सकती है। क्या यह किसी प्रकार का पारिवारिक विवाद है या इसे कुछ और कारणों से जोड़ा जा सकता है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।

सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला

 

पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच की दिशा में कई पहल किए हैं। उन्होंने क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगालने का भी निर्णय लिया है ताकि महिला के जाने के दिशा-निर्देश को समझा जा सके। इसके जरिए पुलिस उस अंतिम स्थान का पता लगाने की कोशिश कर रही है जहां वह आखिरी बार देखी गई थीं।

महिला के परिजनों से भी पूछताछ की जा रही है, ताकि उनकी मानसिक स्थिति और संभावित कारणों का पता लगाया जा सके। पुलिस का मानना है कि यह मामला बस एक गुमशुदगी का नहीं, बल्कि इसके पीछे के कारणों का सही पता लगाना भी जरूरी है।

सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे पर ध्यान दिया है। कई लोग यह पूछते हैं कि क्या महिला मानसिक तनाव का शिकार थीं या फिर किसी अन्य समस्या का सामना कर रही थीं। ये सभी सवाल इस मुद्दे को और अधिक गंभीर बनाते हैं और समाज में विवाहिता की गुमशुदगी की घटनाओं पर गौर करने की आवश्यकता को उजागर करते हैं।

हालांकि, जांच जारी है, लेकिन समाज के लिए यह चिंतन का विषय है कि क्या हमारी सामाजिक संरचना इतनी मजबूत है कि हम महिलाओं की मानसिकता और परिवार की समस्याओं का सही से आकलन कर सकें।

राजकुमार ने आश्वासन दिया है कि पुलिस इस मामले में हर संभव प्रयास करेगी और विवाहिता को सुरक्षित वापस लाने का कसम खाई है। उनके अनुसार, किसी भी प्रकार की साजिश को उजागर करने के लिए सभी कोणों से जांच की जा रही है।

इस प्रकार एक सामान्य सी दिनचर्या अचानक गंभीर समस्या में बदल जाती है। यह कहानी केवल एक विवाहिता की नहीं है, बल्कि यह परिवार, समाज और शादीशुदा जीवन पर भी सवाल उठाती है। क्या हम सही मायनों में समझते हैं कि परिवार और विवाह में जिम्मेदारियों का क्या महत्व होता है? क्या हमारी सामाजिक परिस्थिति इतनी जटिल हो गई है कि व्यक्ति अपनी समस्याओं को सुलझाने के बजाय भागने का विकल्प चुनता है?

यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सोचने का विषय है कि विवाहिता को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा होगा, जिसके चलते उन्होंने अदृश्यता का मार्ग चुना। उम्मीद है कि जल्द ही यह मामला सुलझेगा और परिवार फिर से एक-दूसरे के पास लौटेगा।