ई-सिगरेट है ज्यादा घातक, बन सकता है दिल की अनियमित धड़कन का कारण
सिगरेट की आदत छोड़ने के लिए लोग ई-सिगरेट का सहारा लेना शुरू कर देते हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करना स्वास्थ्य को हानि नहीं पहुंचाता। एक शोध में सामने आया है कि कुछ प्रकार के ई-सिगरेट में मौजूद निकोटीन दूसरों की तुलना में अधिक हानि पहुंचा सकता है। इसकी वजह से अनियमित दिल की धड़कन का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन में निकोटीन के विभिन्न प्रकार और इसकी मात्रा के साथ ई-सिगरेट के दुष्प्रभावों का परीक्षण किया गया। इसमें पता चला कि निकोटीन साल्ट में निहित निकोटीन की अधिक मात्रा धड़कन की अनियमितता का कारण बनता है। यह शोध निकोटीन एंड टोबैको रिसर्च जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने विभिन्न प्रकार के निकोटीन युक्त वेप एरोसोल के संपर्क में आने वाले चूहों में हृदय गति और हृदय गति परिवर्तनशीलता की तुलना की। एरोसोल में या तो फ्रीबेस निकोटीन होता है या पाड आधारित ई-सिगरेट में उपयोग होने वाला निकोटीन साल्ट या रेसमिक फ्रीबेस निकोटीन। उनके प्रभावों की तुलना निकोटीन मुक्त ई-सिगरेट एरोसोल से की गई। अनुसंधान टीम ने समय के साथ निकोटीन की मात्रा को एक से पांच प्रतिशत तक बढ़ाया। इस दौरान पाया गया कि फ्रीबेस निकोटीन की तुलना में निकोटीन साल्ट धड़कन को अधिक तेजी से बढ़ाता है। निकोटीन की उच्च मात्रा के साथ दिल की धड़कन की अनियमितता में वृद्धि होती है।
गौरतलब है कि पाड आधारित ई-सिगरेट को वेपिंग की अगली पीढ़ी माना जाता है। कुछ में हटाने योग्य कार्ट्रिज होते हैं, जिन्हें पाड्स कहा जाता है। इसमें ई-लिक्विड भरे होते हैं। इसे वेप से कनेक्ट किया जाता है। वहीं कुछ ई-लक्विड के साथ कार्ट्रिज को फिर से भरने की सुविधा प्रदान करता है।