Bhajan Lal Sharma: पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा और मिल गई मुख्यमंत्री की कुर्सी
जयपुर, बीएनएम न्यूज। Rajasthan CM: भाजपा नेतृत्व अपनी नीतियों और रणनीति में चौंकाने के जाने जाते हैं। ऐसा ही उसने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद उसने चौंकाया है। राजस्थान में भी भाजपा आलाकमान ने भजन लाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) को मुख्यमंत्री बनाया है। वो सांगानेर से विधायक हैं। ब्राह्मण समाज से आते हैं। राजस्थान भाजपा के महामंत्री हैं। भरतपुर के रहने वाले भजनलाल शर्मा पार्टी संगठन में लंबे समय से कार्यरत हैं। भजन लाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वो प्रदेश महामंत्री के तौर पर काम कर रहे थे। भाजपा ने उन्हें पहली बार जयपुर की सांगानेर सीट से उतारा। पहली बार में ही वो मुख्यमंत्री भी बन गए हैं। मौजूदा विधायक का टिकट काटकर भजनलाल को उतारा गया था। उनको अमित शाह का करीबी माना जाता है। राजसमंद की सांसद दीया कुमारी भी वसुंधरा की तरह राजपरिवार से आती हैं। उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी समेत पूरे भाजपा आलाकमान का पसंदीदा माना जाता है। उन्हें नई सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है।
मौजूदा विधायक का काटकर दिया गया टिकट
56 साल के भजन लाल शर्मा पहली बार ही विधायक बने और मुख्यमंत्री का पद मिल गया। उनके पिता का नाम किशन स्वरूप शर्मा है। उनके गांव का नाम अटारी है। ये भरतपुर जिले नदबई तहसील में आता है। उन्होंने सांगानेर से दावेदारी पेश की। यहां मौजूदा विधायक का टिकट काटकर भजन लाल शर्मा को उतारा गया था।
जानिए भजन लाल शर्मा की संपत्ति
भजन लाल शर्मा जयपुर के सांगानेर से विधायक हैं। उनकी संपत्ति का करीब 1.5 करोड़ रुपये है। इसमें 43.6 लाख रुपये की चल संपत्ति और एक करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है। उन पर 46 लाख का कर्ज है। भजन लाल पहली बार विधायक बने और इसी बार उन्हें मुख्यमंत्री का पद मिल गया। सांगानेर भाजपा की एक सुरक्षित सीट रही है, जहां से भजन लाल ने दावेदारी की और जीत दर्ज की।
नए सीएम पद के लिए इन नामों की थी चर्चा
राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के लिए वसुंधरा राजे के अलावा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल, अश्विनी वैष्णव, सीपी जोशी, दीया कुमारी, बाबा बालकनाथ, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और राजेंद्र सिंह राठौड़ का नाम चल रहा था।
वसुंधरा राजे को भाजपा ने चुनाव के पहले मुख्यमंत्री पद के लिए किसी नेता के चेहरे को आगे नहीं किया था। राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे सिंधिया के बारे में पहले से ही ये कहा जा रहा था कि वह पार्टी आलाकमान की पसंद नहीं हैं।
रेल मत्री अश्विनी वैष्णव भी पीएम मोदी और अमित शाह के काफी करीबी हैं। उनको भी मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल माना जा रहा था। भाजपा की तरफ़ से अर्जुन मेघवाल के नाम की भी चर्चा थी। पूर्व आईएएस और केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन मेघवाल बीकानेर से सांसद हैं और पार्टी का दलित चेहरा हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत पार्टी के भीतर वसुंधरा राजे के विरोधी माने जाते हैं। जोधपुर सीट पर सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को हराने वाले शेखावत केंद्र में मंत्री हैं।
अलवर जिले की तिजारा सीट पर भाजपा उम्मीदवार रोहतक स्थित अस्थल बोहर नाथ आश्रम के महंत हैं.। उन्हें यहां यूपी के योगी आदित्यनाथ की तरह देखा जाता है। कोटा के ओम बिडला फिलहाल लोकसभा के अध्यक्ष हैं। उन्हें भाजपा और संघ के बड़े नेताओं का क़रीबी और विश्वासपात्र समझा जाता है। बिड़ला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के करीबी हैं।
राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ राजस्थान यूनिवर्सिटी के चर्चित छात्र नेता रह चुके हैं। 68 वर्षीय राठौड़ यहां पार्टी के उतार-चढ़ाव में साथ रहे हैं। वह इस बार का चुनाव हार गए।