नैनो रोबोट से हो सकता है ब्लैडर कैंसर का सफल उपचार, नई तकनीक से होगा सस्ता इलाज
स्पेनिश शोधकर्ताओं की टीम ने यूरिया संचालित नैनोरोबोट के जरिये एक खुराक से मूत्राशय के ट्यूमर के आकार को 90 प्रतिशत तक कम करने में सफलता पाई है। मूत्राशय कैंसर पुरुषों में दुनिया में चौथा सबसे आम ट्यूमर है। अपेक्षाकृत कम मृत्युदर के बावजूद मूत्राशय के लगभग आधे ट्यूमर उपचार के पांच वर्षों के भीतर फिर से उभर आते हैं। जिससे निरंतर निगरानी के साथ बार-बार अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ते हैं। नई तकनीक से सस्ते इलाज के साथ प्रभावी उपचार किया जा सकेगा।
छिद्रपूर्ण गोले वाली छोटी नैनो मशीनों से उपचार काफी सफल
मूत्राशय में सीधे दवा देने वाले वर्तमान उपचार मूत्राशय के कैंसर के खत्म करने में ज्यादा प्रभावी नहीं रहे हैं। कुछ समय बाद इनके फिर उभरने की आशंका बनी रहती है। नेचर नैनोटेक्नोलाजी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि शोधकर्ताओं ने नैनोरोबोट से चूहों के मूत्राशय कैंसर का उपचार किया। सिलिका से बने छिद्रपूर्ण गोले वाली छोटी नैनो मशीनों से उपचार काफी सफल रहा। इनकी सतहों में विशिष्ट कार्यों के लिए विभिन्न घटक होते हैं। उनमें से एक एंजाइम यूरिया है, यह एक प्रोटीन है जो मूत्र में पाए जाने वाले यूरिया के साथ प्रतिक्रिया करता है, जिससे नैनो कण खुद को आगे बढ़ाने में सक्षम होता है।
ट्यूमर के आकार को 90 प्रतिशत कम करने में सफलता
दूसरा महत्वपूर्ण घटक रेडियोएक्टिव आयोडीन है, यह रेडियोस्टोप आमतौर पर ट्यूमर के स्थानीय उपचार में उपयोग किया जाता है। इंस्टीट्यूट फार रिसर्च इन बायोमेडिसिन (आइआरबी बार्सिलोना) और स्पेन में आटोनामस यूनिवर्सिटी आफ बार्सिलोना (यूएबी) के सहयोग से इंस्टीट्यूट फार बायोइंजीनियरिंग आफ कैटेलोनिया (आइबीईसी) और सीआइसी बायोमागुन के नेतृत्व वाली टीम ने कहा कि इस प्रगति का उद्देश्य अस्पताल में भर्ती होने की अवधि को कम करना है, जिससे कम लागत और मरीजों के लिए बेहतर इलाज मिलेगा। आइबीईसी में प्रोफेसर और अध्ययन का नेतृत्व करने वाले सैमुअल सांचेज ने कहा कि नैनोरोबोट के जरिये चूहों में एक खुराक से मूत्राशय के ट्यूमर के आकार को 90 प्रतिशत कम करने में सफलता मिली।