UP News: कानपुर में कैप्टन शहीद पति की अर्थी पर चिट्ठी रखकर बोलीं जज पत्नी- इसे पढ़ जरूर लेना

कानपुर, बीएनएम न्यूजः कोस्टगार्ड पायलट सुधीर कुमार यादव का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर मंगलवार को श्यामनगर स्थित घर पहुंचा तो लोगों के आंसू बह निकले। जज पत्नी आवृत्ति नैथानी ने एक पत्र पार्थिव शरीर के पास रखते हुए श्रद्धाजंलि दी। कहा कि प्लीज इसे जरूर पढ़ लेना। कोई फॉल्ट हो गया हो तो माफ कर देना। वी प्राउड ऑफ यू सुधीर। पति-पत्नी के बीच इस अनूठे विश्वास, प्रेम और समर्पण को देख सभी स्तब्ध हो गए।

गुजरात के पोरबंदर में रविवार को इंडियन कोस्टगार्ड का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। हादसे में रामपुरम श्यामनगर निवासी कोस्टगार्ड पायलट सुधीर कुमार यादव (30) समेत तीन लोग बलिदान हो गए थे। मंगलवार दोपहर सहकर्मी एंबुलेंस में सुधीर का पार्थिव शरीर लेकर दोपहर 1:40 बजे घर पहुंचे। अंतिम दर्शन के लिए महिलाएं घर की छतों पर घंटों डटीं रहीं। वहीं, इलाके की गलियों में भीड़भाड़ रहीं।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, मंत्री प्रतिभा शुक्ला, कैंट विधायक मोहम्मद हसन रूमी, डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह, एसीपी चकेरी दिलीप कुमार सिंह, एडीएम सिटी राजेश कुमार, पार्षद निर्देश सिंह चौहान, सपा नेता फतेह बहादुर सिंह, वरुण यादव, संजय यादव आदि ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पार्थिव शरीर को सेवन एयरफोर्स हाॅस्पिटल में मोर्चरी में रखने के लिए ले जाया गया।

वहां से बुधवार सुबह सात बजे कानपुर देहात स्थित पैतृक गांव शिवली हरकिशनपुर ले जाया जाएगा। वहां पर अंतिम दर्शन के बाद बिठूर घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। इस दौरान दिल्ली से आए सुधीर के ससुरालीजनों ने भी पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

10 माह पहले हुई थी शादी

सुधीर और आवृत्ति नैथानी की शादी 10 महीने पहले ही हुई थी। वह उत्तराखंड की रहने वाली हैं। इस समय वह पटना में न्यायिक जज के रूप में तैनात हैं। उनका रो-रोकर बुरा हाल है। वह शनिवार को ही उनसे पोरबंदर में मिली थीं और वहीं से पटना चली गईं थीं। उसके अगले ही दिन यानी रविवार को उन्हें सूचना मिली कि उनके पति उन्हें छोड़कर हमेशा के लिए चले गए हैं।

हाय हमार बाबू चला गा

हाय हमार बाबू चला गा… हमार हीरा चला गा…, बोल बेटे की फोटो को चूम सुधीर की मां राजमणि बिलख पड़ीं। बोलीं कि हमसे फूल चढ़वा रहा है तुम्हें हमारे चढ़ाना चाहिए था। मेरे बेटन की जोड़ी फूट गई…। फिर सुधीर के ताबूत के पास बैठकर बेटे से अगले जन्म में घर वापस आने की बात कहने लगीं।
वह बार-बार यही कहे जा रहीं थी कि हाय मेरा बाबू चला गया। वहीं, पिता नवाब सिंह बेटे को पुष्प अर्पित कर अपने आंसू नहीं रोक सकें। इस दौरान बड़े बेटे धर्मेंद्र अपने माता पिता को समझाते रहें। इसके बाद नवाब सिंह एकांत में बेबस दिखें।

बहुत याद आएंगे सुधीर…

सुधीर का पार्थिव शरीर लेकर पोरबंदर कोस्टगार्ड यूनिट से वरुण, भुवेश भारद्वाज, कोमल सिंह, ललित के प्रसाद और ए श्रीवास्तव पहुंचे। सुधीर की पत्नी आवृत्ति ने उनसे सुधीर के अच्छे व्यवहार और ड्यूटी के प्रति निष्ठा की तमाम बातें साझा कीं। बताया कि मुझे उनपर गर्व है, उन्होंने जो जिंदगी में चुना हमेशा वह उन्हें मिला। कभी भी लाइफ में हार नहीं मानी।
वह देश के लिए बलिदान हुए हैं। हमेशा मेरा और पूरे परिवार का ख्याल रखा। सुधीर बहुत याद आएंगे। कहा कि, सुधीर ऑफिस ड्रेस पहन कर गर्व महसूस करते थे। कभी भी ड्रेस पर सिकुड़न नहीं आने देते थे, जब भी ऑफिस या प्लेन में जाते, मुझसे बात करते थे। हर पल दूर होकर पास होने का एहसास दिलाते थे।

 पुलिस ने ग्रीन काॅरिडोर बना पहुंचाया पार्थिव शरीर

बलिदानी सुधीर यादव का पार्थिव शरीर पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लखनऊ से कानपुर पहुंचाया। गुजरात से विशेष विमान से पार्थिव शरीर लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचा। इसके बाद उन्नाव की सीमा तक लखनऊ पुलिस लेकर आई। उन्नाव पुलिस ने कानपुर सीमा तक पहुंचाया। यहां से कानपुर पुलिस ने रामादेवी से होते हुए घर पहुंचाया।

राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला से सुधीर की स्मृति में स्मारक बनाने की मांग

राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने सुधीर की पत्नी आवृत्ति को गले से लगा लिया। इस पर परिजनों और रिश्तेदारों ने कहा कि सुधीर की याद में गांव में गेट या कोई स्मारक बनना चाहिए। इस पर राज्यमंत्री ने एसडीएम से बात कर बुधवार को सुबह तक पूरा इंतजाम करने के लिए कहा। उन्होंने सुधीर की पत्नी आवृत्ति से कहा कि वह बुधवार सुबह वहां मौजूद भी रहेंगी।

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