बिहार में प्रदर्शन के दौरान ट्रैक पर लेट गया प्रदर्शनकारी, ऊपर से गुजरीं 12 बोगियां, कई ट्रेनों का परिचालन घंटों बाधित
बिहटा (पटना), BNM News : बिहार में वर्षों से लंबित बिहटा-औरंगाबाद रेल परियोजना को शुरू करने को लेकर बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने रेल चक्का जाम किया। बिहटा-औरंगाबाद रेल परियोजना संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलनकारियों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार ट्रैक पर पांच घंटे तक प्रदर्शन किया। आंदोलन के नेतृत्वकर्ता चंदन कुमार वर्मा प्रदर्शन के दौरान रेल ट्रैक के बीच लेट गए। उसी समय सुविधा एक्सप्रेस आ गई। ट्रेन को अपनी तरफ आते देख आंदोलनकारी भागे, लेकिन चंदन वर्मा ट्रैक पर ही लेटे रहे, यह देखकर ट्रेन के चालक के आपातकालीन ब्रेक लगाए मगर तब तक चंदन के ऊपर से ट्रेन की 12 बोगियां गुजर गईं थीं। लेटे होने की वजह से वह बाल-बाल बच गए। घटना के बाद आक्रोशित भीड़ ने ट्रेन पर पथराव किया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर लोगों का गुस्सा शांत कराया। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जन सम्पर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने आंदोलनकारी के ऊपर से ट्रेन के गुजरने की जानकारी से इंकार किया। घटनास्थल पर पहुंचे एडीआरएम आधार राज ने मामले की जांच का आदेश दे दिया है।
जानकारी के अनुसार रेलवे लाइन पर पुलिस-प्रशासन धरना दे रहे लोगों को ट्रैक से हटाने की कोशिश कर रही थी। दोपहर 1.22 बजे पटना-बक्सर पैसेंजर ट्रेन बिहटा स्टेशन पर आकर रुकी, लेकिन हंगामे के कारण ग्रीन सिग्नल नहीं मिलने से वह स्टेशन पर खड़ी रही। इसी बीच 1.35 बजे अप मेन लाइन पर सुविधा एक्सप्रेस आ गई। अप लाइन से गुजरने वाली सुविधा एक्सप्रेस को स्टेशन प्रबंधक ने ग्रीन सिग्नल दे दिया। ट्रेन की गति को देखकर धरने पर बैठे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। वह सभी इधर-उधर भागने लगे, लेकिन प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे चंदन वर्मा वहां से नहीं हट सके। इस मामले में बिहटा के स्टेशन प्रबंधक ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि पुलिस-प्रशासन द्वारा उन्हें ट्रेन के ठहराव की कोई सूचना नहीं दी गयी थी। इस कारण तय समय पर सुविधा एक्सप्रेस ट्रेन को ग्रीन सिग्नल दे दिया गया था।
घटना के बाद लोग आक्रोशित हो गए। उन्होंने ट्रेन चालक को पकड़ने की कोशिश की। भीड़ को देखकर चालक ने गेट बंद कर लिया। एडीआरएम एवं एडीओ ने आंदोलनकारियों को उनकी मांगें सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन देकर शांत कराया। इसके बाद ट्रेनों का परिचालन सुचारू हो सका।
ट्रेन के लोको पायलट और स्टेशन मास्टर को बर्खास्त करने की मांग
ट्रेन गुजरने के बाद समर्थक पटरी पर चंदन के पास पहुंचे। लोगों ने महसूस किया कि उसकी सांस चल रही हैं। फिर लोगों ने उन्हें उठाया। घटना से आक्रोशित संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने रेलवे प्रबंधन के खिलाफ जमकर हंगामा किया। ट्रेन के लोको पायलट, स्टेशन मास्टर और रेलवे गार्ड को बर्खास्त करने की मांग भी की।
43 साल से लंबित है परियोजना
बिहटा-औरंगाबाद रेलवे लाइन परियोजना करीब 43 साल से लंबित है। तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 2007 में पालीगंज में इसका शिलान्यास किया था, लेकिन आज तक इस परियोजना का काम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया है। रेलवे लाइन संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों लोग औरंगाबाद से 1 दिसंबर से पैदल चलकर बुधवार को बिहटा रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। इन्होंने परियोजना की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक को जाम किया था।
किसके कहने पर चढ़ा दी ट्रेन
चंदन कुमार वर्मा ने कहा कि हम लोग मांग कर रहे थे। हमारे ऊपर से ट्रेन निकाल दी गई। यह किसके आदेश पर किया गया? सरकार से जानना चाहता हूं यह कैसे हुआ? अब तक फव्वारा चलता था, लाठियां चलती थीं। पहली बार ट्रेन चलवा दी गई है। लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।
प्रदर्शन करने का तरीका ठीक नहीं
पूर्व मध्य रेल के CPRO वीरेंद्र कुमार ने कहा कि प्रदर्शन करने का यह तरीका बिल्कुल गलत है। स्टेशन से बाहर स्टार्टर सिग्नल के पास ये लोग प्रदर्शन कर रहे थे। सुविधा एक्सप्रेस के ड्राइवर ने ही ट्रेन को खुद से रोका था। प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए रेलवे के अधिकारी और स्थानीय प्रशासन की टीम वहां पहुंची है। पहले ही रेलवे के तरफ से इन्हें स्पष्ट कर दिया गया था उस रूट के सर्वे का काम अभी चल रहा है। सर्वे के बाद डीपीआर बनेगा और फिर प्रोजेक्ट पर काम होगा। इसकी जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।