ट्रेनी महिला IAS के नखरों से विभाग भी हुआ परेशान, करती थीं ऐसी-ऐसी डिमांड

नई दिल्ली, बीएनएम न्यूज: प्रोबेशन के दौरान विशेष सुविधाएं मांगने वालीं एक महिला IAS ट्रेनी का तबादला हो गया है। महाराष्ट्र सरकार ने डॉक्टर पूजा खेड़कर को पुणे से वाशिम भेजने का फैसला किया है।
खबरों के मुताबिक, खेड़कर ने VIP नंबर वाली कार, स्टाफ और गाड़ी जैसी कई विशेष मांगें रखी थीं, जो प्रोबेशन पर काम कर रहे अधिकारी को नहीं दी जाती। UPSC में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 821 हासिल की थी।
पद के दुरुपयोग की शिकायत के बाद तबादला
पद के दुरुपयोग की कई शिकायतों के बाद खेड़कर को पुणे से वाशिम भेज दिया गया है। अब वह वाशिम में सुपर न्यूमरी असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर काम करेंगी। आदेश में कहा गया है, “2023 बैच की IAS अधिकारी प्रोबेशन के बचे हुए समय के लिए वाशिम जिले में सुपर न्यूमरी असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में सेवाएं देंगी।” कलेक्टर दफ्तर से विशेष मांगें रखने के चलते खेड़कर विवादों में आ गई थीं।
बेटी की मांग पूरी करने के लिए पिता ने बनाया दबाव
खेड़कर के पिता भी पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने कथित तौर पर कलेक्टर कार्यालय से बेटी की सभी मांगों को पूरा करने का दबाव बनाया था। कहा जा रहा है कि ऐसा नहीं होने पर उन्होंने परिणामों की धमकी भी दी थी। पुणे कलेक्टर डॉक्टर सुहास दिवासे ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी नितिन गदरे को पहले एक पत्र भी लिखा था, जिसमें खेड़कर को किसी अन्य जिले में भेजने पर विचार की मांग की गई थी।
दिवासे ने उनके व्यवहार को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की भी मांग की थी। उन्होंने जूनियर स्टाफ के साथ गलत व्यवहार किए जाने और एडिशनल कलेक्टर अजय मोरे के चैंबर पर कब्जा करने समेत कई शिकायतें की थीं।
यह भी पढ़ेंः हाईकोर्ट का अहम निर्णय, बिना हिंदू रीति-रिवाज के की गई शादी अवैध
अपनी ऑडी कार में VIP नंबर के साथ लगाई बोर्ड
खेड़कर ने VIP नंबर प्लेट के साथ अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया। इसके चलते भी विभाग में हड़कम्प मच गया था। इसके अलावा उन्होंने अपनी कार पर ‘महाराष्ट्र सरकार’ का बोर्ड भी लगा रखा था। उन्होंने कई अनुचित मांगें भी रखी थीं, जिनमें VIP नंबर प्लेट के साथ एक कार, घर, स्टाफ और एक कॉन्स्टेबल के साथ एक चैंबर शामिल है।
एडिशनल कलेक्टर के कमरे में किया कब्जा
इतना ही नहीं, खेड़कर ने एडिशनल कलेक्टर अजय मोरे की गैरमौजूदगी में उनके अगले कमरे पर भी कब्जा कर लिया था। साथ ही कमरे के बाहर अपने नाम का बोर्ड लगा दिया था। उन्होंने एडिशनल कलेक्टर की अनुमति के बगैर वहां मौजूद सभी सामान भी हटा दिया था, जिसमें कुर्सी, सोफा, टेबल शामिल थे। बाद में उन्होंने रेवेन्यू असिस्टेंट से अपने नाम का लैटरहेड, विजिटिंग कार्ड, पेपरवेट, नेम प्लेट, सील और इंटरकॉम की भी मांग की थी।
आईएएस पूजा खेडकर के चयन पर क्या है विवाद
सिविल सेवा परीक्षा के दौरान पूजा खेडकर ने हलफनामा दायर कर दावा किया था कि वह मानसिक रूप से दिव्यांग हैं और उन्हें आंखों की भी परेशानी है। इस दावे की वजह से चयन में पूजा खेडकर को रियायत दी गई और कम नंबर्स के बावजूद उनका प्रशासनिक सेवा में चयन हो गया। विवाद इस बात पर है कि पूजा खेडकर ने छह अलग-अलग मौकों पर मेडिकल जांच में शामिल होने से किसी न किसी कारण से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद उनका चयन हो गया।
ओबीसी वर्ग के दावे पर भी उठे सवाल
आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार का दावा है कि पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर भी एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं और हाल ही में उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। अपने नामांकन के दौरान दिए हलफनामे में दिलीप खेडकर ने अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई थी। वहीं पूजा खेडकर ने खुद को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर स्टेटस के लिए पात्र बताया था। यही वजह है कि आईएएस पूजा खेडकर के पिता की संपत्ति को देखते हुए उनके ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर स्टेटस को लेकर भी विवाद हो गया है।
यह भी पढ़ेंः लेखपाल बनते ही बेवफा हुई पत्नी, कारपेंटर पति से बोली- ‘तेरा मेरा कोई मेल नहीं’
CLICK TO VIEW WHATSAAP CHANNEL
भारत न्यू मीडिया पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट , धर्म-अध्यात्म और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें इंडिया सेक्शन