इस कदम को उठा कर टाइप-टू डायबिटीज के जोखिम को किया जा सकता है कम
लंदन, एजेंसी। दुनिया में बड़ी संख्या में लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। डायबिटीज के कारण कई और भी बीमारियों के होने का खतरा होता है। ऐसे में कुछ उपाय कर डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है। इसमें रहन-सहन से लेकर खानपान में सुधार शामिल है। अगर हम पैदल चलते हैं तो डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि प्रति घंटे चार या अधिक किलोमीटर चलने से टाइप-टू डायबिटीज का जोखिम काफी कम हो जाता है। ब्रिटिश जर्नल आफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में आनलाइन प्रकाशित निष्कर्ष से पता चलता है कि चलने की गति जितनी तेज होगी, जोखिम उतना ही कम होगा। गति में प्रत्येक एक किमी की वृद्धि के साथ जोखिम में नौ प्रतिशत की कमी हो सकती है।
10 दीर्घकालिक अध्ययनों के विश्लेषण पर आधारित है अध्ययन
वर्तमान में दुनियाभर में 53.7 करोड़ लोग टाइप-टू डायबिटीज से पीड़ित हैं, इसके 2045 तक 78.3 करोड़ होने की आशंका है। ईरान में सेमनान यूनिवर्सिटी आफ मेडिकल साइंसेज के शोधकर्ताओं ने कहा कि इसलिए एक सरल शारीरिक गतिविधि जो कई अन्य सामाजिक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य लाभों से भी जुड़ी है, बीमारी से बचने में मदद करने का एक आसान तरीका हो सकता है। यह अध्ययन 1999 और 2022 के बीच प्रकाशित 10 दीर्घकालिक अध्ययनों के विश्लेषण पर आधारित है। इनमें अमेरिका, जापान और ब्रिटेन के कुल 5,08,121 वयस्कों के लिए तीन से 11 वर्ष तक की निगरानी अवधि शामिल है।
जितना अधिक पैदल चलेंगे, उतना डायबिटीज का खतरा होगा कम
शोधकर्ताओं ने पाया कि तीन किमी/घंटा से कम चलने की तुलना में, तीन से पांच किमी/घंटा की औसत या सामान्य गति से चलना टाइप-टू डायबिटीज के जोखिम को 15 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसी तरह पांच से छह किमी/घंटा की गति से काफी तेज चलने से टाइप-टू डायबिटीज का जोखिम 24 प्रतिशत तक कम हो सकता है। वहीं, छह किमी/घंटा से अधिक की गति से चलने से लगभग 39 प्रतिशत कम जोखिम जुड़ा था।