जीका वायरस से हो सकता है बचपन के कैंसर का उपचार, चूहों के माडल पर किया गया परीक्षण
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने बचपन के एक जटिल कैंसर की बीमारी के उपचार में जीका वायरस के सफल उपयोग का दावा किया है। शोध दल ने अध्ययन में पाया कि जीका वायरस से उपचार कर न्यूरोब्लास्टोमा ट्यूमर को कम या खत्म किया जा सकता है। न्यूरोब्लास्टोमा बचपन का एक जटिल कैंसर है जो सिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र और एड्रेनल ग्रंथि में विकसित होता है।
कैंसर कोशिकाओं को मार सकता है जीका वायरस
शोधकर्ताओं ने कहा कि आधे से अधिक उच्च जोखिम वाले न्यूरोब्लास्टोमा के मरीजों पर पारंपरिक कीमोथेरेपी या रेडिएशन चिकित्सा का बहुत असर नहीं पड़ रह है। यह बाद में फिर विकसित हो जाता है। हाल के वर्षों में मच्छर से फैलने वाले जीका वायरस को लेकर शोधकर्ताओं ने खोज की है यह कैंसर कोशिकाओं को मार सकता है। गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस का संक्रमण विकासात्मक प्रोटीन सीडी24 को लक्षित कर उनमें जन्म दोष पैदा करता है। न्यूमरस चिल्ड्रेंस हेल्थ सिस्टम के शोधकर्ताओं ने न्यूरोब्लास्टोमा के प्रति जीका वायरस उपचार के संभावनाओं की जांच की। शोधकर्ताओं ने चूहों के माडल पर इसका परीक्षण किया।
जिनको जीका का इंजेक्शन दिया गया, उनमें ट्यूमर लगभग गायब
शोध टीम ने न्यूरोब्लास्टोमा से पीड़ित आधे चूहों को सलाइन सोल्यूशन का इंजेक्शन दिया और आधे चूहों को जीका वायरस का इंजेक्शन दिया। कैंसर रिसर्च कम्युनिकेशन में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि जिन चूहों को जीका वायरस का इंजेक्शन दिया गया उनके ट्यूमर लगभग गायब हो गए। चार सप्ताह के फालोअप में इसका कोई दुष्प्रभाव भी नजर नहीं आया। 28 दिन के फालोअप में पाया गया सलाइन सोल्यूशन वाले चूहों में यह 800 प्रतिशत विकसित हो गया, जबकि जीका वायरस वालों में यह पूरे आकार का 12 प्रतिशत कम हो गया। न्यूमरस चिल्ड्रेंस के शोध विज्ञानी जोसेफ मजार ने कहा कि यह शोध उच्च जोखिम वाले न्यूरोब्लास्टोमा के उपचार का प्रभावशाली उपचार सुझाता है। यह आगे के शोध के द्वार को भी खोलता है।