Haryana Politics: हुड्डा-दुष्यंत का खेल फ्लाप करने को मनोहर लाल ने संभाला मोर्चा, तीन जजपा विधायकों ने की मुलाकात
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नरेन्द्र सहारण, चंडीगढ़। Haryana Political Crisis: जननायक जनता पार्टी (जजपा) के टोहाना से विधायक एवं पूर्व पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने जहां पार्टी पर कब्जे की तैयारी शुरू कर दी है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने रणनीतिक कौशल के चलते जजपा को तोड़ने का खाका तैयार कर लिया है। विपक्ष द्वारा भाजपा सरकार से की जा रही फ्लोर टेस्ट की मांग के बीच जजपा के तीन विधायकों ने वीरवार को पानीपत में पू्र्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद मनोहर लाल द्वारा हुड्डा के खेल को फ्लाप करने की व्यूह रचना तैयार कर ली गई बताई जाती है।
महीपाल ढांडा के पानीपत आवास पर हुई मुलाकात
सहकारिता तथा विकास एवं पंचायत मंत्री महीपाल ढांडा के पानीपत आवास पर हुई इस मुलाकात के दौरान मनोहर लाल ने जजपा के इन तीनों विधायकों को थपकी दी। विधायक जोगी राम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा बहुत पहले से खुलकर भाजपा के साथ हैं, जबकि देवेंद्र बबली भी मनोहर लाल के कहने से बाहर नहीं हैं। बताया जाता है कि इन तीनों विधायकों ने ही महीपाल ढांडा के निवास पर मनोहर लाल से मुलाकात की, जहां जजपा में तोड़फोड़ करने की राजनीति को सिरे चढ़ाने पर चर्चा की गई। देवेंद्र बबली इस कोशिश में भी हैं कि जजपा के 10 में से छह असंतुष्ट विधायकों को साधकर पार्टी पर कब्जा कर लिया जाए और दुष्यंत चौटाला को नेता के पद से हटा दिया जाए, लेकिन इस कार्य के लिए बबली को एक विधायक की जरूरत पड़ेगी।
जजपा को रसातल में पहुंचाने की तैयारी
जजपा में तीन विधायक स्वयं दुष्यंत चौटाला, उनकी माता नैना चौटाला और पूर्व राज्य मंत्री अनूप धानक के अलावा अमरजीत ढांडा बचे हैं। सरकार और बबली की कोशिश है कि किसी तरह अमरजीत ढांडा व अनूप धानक को तोड़ने की कोशिश की जाए। इस पूरे खेल में मनोहर लाल जहां हुड्डा का खेल फ्लाप करने की व्यूह रचना रच रहे हैं, वहीं जजपा को भी रसातल में पहुंचाने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रहे हैं। पानीपत में तीन जजपा विधायकों से मुलाकात के बाद सिरसा पहुंचे पूर्व सीएम मनोहर लाल ने कहा कि विपक्ष अपने गणित का ही अनुमान न लगाए। दूसरे के गणित को भी समझे। कांग्रेस और जजपा के कई विधायकों से भाजपा के व्यक्तिगत अच्छे संबंध हैं। फ्लोर टेस्ट से पहले विपक्ष को राज्यपाल को संतुष्ट करना होगा। विधायकों की व्यक्तिगत हाजिरी भी करवानी होगी। विपक्ष के किसी कागज पर लिखकर देने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। विपक्ष अपने सभी विधायकों को संभाल ले तो भी बड़ी बात होगी।
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