Jaunpur Weather News: जौनपुर में गलन के साथ बढ़ी ठिठुरन, नहीं मिली सर्दी से राहत, ट्रेन लेट, लोगों को अलाव का सहारा

जौनपुर, बीएनएम न्यूजः जौनपुर में गलन भरी ठंड के साथ हल्की कोहरे है । मंगलवार को गलन भरी सर्दी के साथ सुबह 8 बजे तक न्यूनतम पर 10 डिग्री सेल्सियस रहा है। वही अधिकतम 18 डिग्री रहा। नव वर्ष 2025 में लगातार सातवें दिन भी कड़ाके की ठंड ने आम जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है। इसके साथ ही सड़कों पर कोहरे की छड़ों से विजिबिलिटी कम हो गई है । सड़कों पर चलने वाले लोग धीमी गति व सावधानी के साथ चल रहे हैं।
जनजीवन अस्तव्यस्त
जौनपुर में पिछले दस दिनों से चल रही कड़क सर्दी और कोहरे ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्तव्यस्त कर दिया है। गलन और ठिठुरन भरी ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे लोग बुरी तरह परेशान हैं। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं, जबकि कोहरा सुबह से ही सड़कों को अपनी आगोश में ले चुका है।
जहां एक ओर खेत खलियान और सड़कों को कोहरे की छड़ों ने ढक लिया है वहीं दूसरी ओर कड़ाके की ठंड से गलन और ठिठुरन बढ़ा दिए है । जिस कारण लोग अपने घरों पर ठंड से बचाव के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं तथा ठिठुरन भरी सर्दी में पालतू पशुओं के लिए भी ठंड से बचाव के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है।
बाजारों में रहा सन्नाटा
बढ़ती ठंड की वजह से बजार में कम ही लोग सामान्य दिनों में बजार गुलजार रहता है, लेकिन सर्द हवाओं की वजह से अधिकांश लोग घरों में ही रहना मुनासिब समझे। ओलंदगंज, चहारसू चौराहा व कोतवाली चौराहे पर अन्य दिनों की अपेक्षा सन्नाटा रहा।
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कोहरे के कारण ट्रेनें लेट
जौनपुर और वाराणसी-प्रतापगढ़ रेलवे रूट स्थित जंघई जंक्शन से गुजरने वाली कई ट्रेनें देरी से चलीं। इसके कारण यात्रियों को स्टेशन पर बैठकर ट्रेनों का घंटों इंतजार करना पड़ा। कुर्ला एलटीटी से गोरखपुर जाने वाली काशी एक्सप्रेस एक घंटा देर से आई।
ग्वालियर से बनारस जाने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस पांच घंटे, दुर्ग से छपरा जाने वाली सारनाथ एक्सप्रेस दो घंटे, अमृतसर- हावड़ा पंजाब मेल ढाई घंटे, प्रयागराज से जौनपुर एजे दो घंटे देरी से जंघई जंक्शन पर पहुंची। स्टेशन अधीक्षक कोमल सिंह ने बताया कि कोहरे और ठंड के कारण लंबी दूरी की ट्रेनें देरी से चल रही हैं।
रात्रि में रैन बसेरों की व्यवस्था
जनपद में राहत के प्रयासों के तहत जिला प्रशासन ने बस स्टैंड, चौराहों और रेलवे स्टेशनों पर सुखी लकड़ियों की व्यवस्था की है, ताकि लोग अलाव जलाकर कुछ राहत महसूस कर सकें। इसके अलावा, यात्रियों के लिए रात्रि में रैन बसेरों की व्यवस्था भी की गई है, ताकि वे शीतलहर से बचकर ठंडे मौसम में रुक सकें।
हालांकि, कोहरे का असर रेलगाड़ियों और बसों की आवाजाही पर भी पड़ रहा है। रेलगाड़ियां समय से नहीं पहुंच पा रही हैं और बसें भी देरी से चल रही हैं। बाहर से आने वाले यात्री रैन बसेरों में ठहरकर शीतलहर से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
बंद कमरे में आग न जलाने की अपील
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक ठंड और बढ़ सकती है, और शीतलहर का प्रभाव लगातार जारी रहेगा। जिला प्रशासन ने इस कड़ी सर्दी में जनता से अपील की है कि यदि बहुत जरूरी हो तो ही घर से बाहर निकलें। इसके अलावा, शीतलहर से बचने के लिए ऊनी कपड़े पहनने, घर जल्दी पहुंचने, अलाव या अंगीठी जलाने की सलाह दी गई है। वहीं, प्रशासन ने चेतावनी भी दी है कि बंद कमरे में अंगीठी, रूम हीटर या ब्लोवर न जलाएं, क्योंकि इससे दुर्घटनाओं का खतरा हो सकता है।
स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें
जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि बदलते मौसम में मरीजों को अपने स्वास्थ्य का खास ख्याल रखना चाहिए। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों में बुखार, जुकाम और ब्लड प्रेशर वाले हैं। ऐसे लोग गर्म कपड़े पहनकर ही बाहर निकलें। जंक फूड खाने से परहेज करें।
फसलों में रोग लगने का खतरा
बदले मौसम में न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट हो रही है व कोहरा भी बढ़ रहा है। इससे फसलों में पाला लगने की संभावना है। पाले का असर राई सरसों, अरहर, आलू, मिर्च, टमाटर तथा मटर की फसल फसल को काफी नुकसान पहुंचता है।
पाला के असर से आलू में झुलसा बीमारी लगने को संभावना बढ़ जाती है। इससे आलू की फसल को 40 से 80 प्रतिशत तक नुकसान हो जाता है। घना कोहरा बने रहने से धूप अरहर की फसल को नहीं मिल पाती है, जिससे अरहर का सारा का सारा फूल झड़ जाता है।
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