पंचतत्व में विलीन हुए मनमोहन सिंह…राजकीय सम्मान के साथ हुई अंत्येष्टि, पूरा देश कर रहा नमन

नई दिल्‍ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। दिल्ली के निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। भारत के आर्थिक सुधारों के निर्माता माने जाने वाले सिंह 2004 से 2014 के बीच 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे। मनमोहन सिंह की बेटियों ने उन्हें मुखाग्नि दीं। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम मोदी, नेता विपक्ष राहुल गांधी, संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला समेत कई नेता वहां मौजूद रहे। सभी ने डॉक्टर साहब को अंतिम श्रद्धांजलि दी। बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ-साथ सिंह के सैकड़ों शुभचिंतक भी साथ-साथ चल रहे थे और इस दौरान हवा में ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, तब तक तेरा नाम रहेगा’ के नारे गूंज रहे थे।

मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा

 

मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा एक शोकाकुल लेकिन श्रद्धाञ्जलि देने वाली यात्रा थी, जिसमें देशभर के नेताओं और आम जनता ने भाग लिया। उनकी पार्थिव शरीर को 3, मोतीलाल नेहरू रोड, नई दिल्ली से उनके आवास से लेकर निगम बोध घाट तक पहुंचाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान उनके सबसे करीबी दोस्त और सहयोगियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।

मनमोहन सिंह की श्रद्धांञ्जलि

 

मनमोहन सिंह की श्रद्धाञ्जलि देने वालों में उनके परिवार, सहयोगी, अनुयायी और कई अन्य लोग शामिल थे। उनकी बेटियों ने उन्हें मुखाग्नि दी, जिसके बाद कई अन्य लोगों ने उनका अंतिम सम्मान करने के लिए आगे आये। उनकी श्रद्धाञ्जलि में कई दिग्गज नेताओं, शिक्षाविदों, कलाकारों और आम जनता ने भाग लिया।

राष्ट्रीय शोक

 

मनमोहन सिंह की मृत्यु के बाद पूरे देश में राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया गया। उनकी मृत्यु पर कई राज्यों और शहरों में शोक सभाएं आयोजित की गईं। उनकी याद में कई समारोह आयोजित किए गए, जिनमें उन्हें श्रद्धाञ्जलि अर्पित करने के लिए लोग इकट्ठा हुए।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की घोषणा

 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में पूरे देश में सात दिवसीय राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा। इसके दौरान पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।

मनमोहन सिंह की विरासत

 

मनमोहन सिंह एक महान व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत को कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। उनकी आर्थिक नीतियों और पहलों ने भारत को विकास पर ध्यानाकर्षण बढ़ाया। उनकी विरासत आज भी जीवित है और उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।

 

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