पोषक आहार से कम हो सकता है डायबिटीज व अवसाद का जोखिम, जानें- एक्सपर्ट की राय

नई दिल्ली, एजेंसी: चिकित्सक स्वस्थ रहने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेने की सलाह देते हैं। दो ताजा अध्ययनों में पाया गया है कि खराब आहार लेने से टाइप-टू डायबिटीज विकसित होने की आशंका के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इसमें चिंता और अवसाद जैसे विकार शामिल हैं। शोध दल ने कहा कि अध्ययन पोषक आहार के चुनाव को रेखांकित करता है, जो डायबिटीज और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर ( risk of diabetes and depression )को कम करने में सहायक है।

अमेरिकी सेंटर फार डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, अस्वास्थ्यकर आहार लेने से डायबिटीज पीड़ितों में अन्य लोगों की तुलना में दो से तीन गुना चिंता और अवसाद से ग्रसित होने की आशंका रहती है। शोधकर्ताओं का दावा है कि पोषक आहार और मानसिक स्वास्थ्य के बीच बहुआयामी संबंधों को लेकर पहली बार प्रकाश डाला गया हैं।

न्यूट्रिएंट्स जर्नल में प्रकाशित दो शोध निष्कर्षों में बताया गया है कि उन्होंने पोषण, डायबिटीज और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंधों की जांच की। उन्होंने पाया कि चिंता और अवसाद जैसे मानसिक विकार से टाइप-टू डायबिटीज विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह डायबिटीज से चिंता और मानसिक अवसाद का जोखिम बढ़ सकता है।

जार्ज मेसन यूनवसिर्टी में असिस्टेंट प्रोफेसर व शोध के प्रमुख लेखक रायडे बैसिरी कहते हैं कि पोषक आहार का विशेष महत्व है, जो डायबिटीज विकसित होने और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को कम कर सकता है। वह पोषक आहार पर लेने पर जोर देते हैं। कहा, ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त व कम वसा वाले आहार लेने से टाइप-टू डायबिटीज और चिंता व अवसाद जैसे मानसिक विकार का जोखिम कम हो सकता है।

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